Page de couverture de इसे तुम कविता नहीं कह सकते (#poetry)

इसे तुम कविता नहीं कह सकते (#poetry)

इसे तुम कविता नहीं कह सकते (#poetry)

Auteur(s): Lokesh Gulyani
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À propos de cet audio

Spoken word poetry in Hindi by Lokesh GulyaniCopyright Lokesh Gulyani Philosophie Sciences sociales
Épisodes
  • Episode 53 - दबाओं ना
    Dec 15 2025
    दब कर जीने में फ़ायदा है, ऐसा मुझे सिखाया गया। मेरी सीखने की क्षमता अच्छी थी, मैं अच्छे से सीख गया। मैने औरों को सिखाया वे भी सीख गए। हम सब सीखे-सिखाए लोग हैं।
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    3 min
  • Episode 52 - मलाल
    Dec 4 2025
    कभी-कभी लगता है कि मेरे साथ ज़िंदगी ने ठीक ही बर्ताव किया। अगर मुझे इससे कुछ भी ज़्यादा हासिल हो गया होता तो शायद मैं इस मुगालते में रह जाता कि मैं भी एक काबिल इंसान हूं।
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    4 min
  • Episode 51 - Ex-Lover
    Dec 4 2025
    एक समय के बाद आदमी का मन शराब की कड़वाहट को ही झेल सकता है, प्रेम के प्रेत को नहीं।
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    3 min
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