इस प्रकरण में हमें कृतज्ञता के वास्तविक स्वरूप के विषय में पता चलता है, कि कैसे हम उसे अपने जीवन का अंग बनाए।
ओम् स्वामी हमसे एक जैन संत, तानसेन, इत्यादि के रोचक क़िस्से साँझा करते हैं, जिनसे हमें ज्ञात होता है की कैसे कृतज्ञता ध्यान में प्रगति का एक प्रमुख स्तम्भ है।
इस कड़ी में मुख्यतया कृतज्ञता के तीन सिद्धांतो का प्रतिपादन किया गया है।