• मेरे पति की पतलून | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

  • Dec 22 2024
  • Durée: 15 min
  • Podcast

मेरे पति की पतलून | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

  • Résumé

  • "तुम कहना क्या चाहती हो, क्या ये कह रही हो कि मैं नहाता नहीं हूं, मैं तो रोज़ नहाता हूं बल्कि दिन में दो बार नहाता हूं" - "देखिए, दो डोंगा पानी डाल कर पोछ लेने को नहाना नहीं कहते, कभी बाथरूम में रखी वो लाल रंग की टिकिया देखी है उसे साबुन कहते हैं, कभी इस्तेमाल की है वो" - "नहीं, मैं साबुन नहीं लगाता क्योंकि साबुन में तेज़ाबी चीज़ें होती हैं और उससे स्किन ख़राब हो जाती है" - सुनिए मंटो के लिखी एक कहानी का हिस्सा 'मेरे पति की पतलून' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
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