इस एपिसोड में हम चर्चा करेंगे कि मोबाइल फोन से पैदा हुए डिजिटल विभाजन को कैसे भारत जैसे देश कम कर सकते हैं, जिससे की ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक डिजिटल सुविधाएँ पहुंच सकें। हम बात करेंगे आईआईएम (IIM) कोलकाता और तिरुचिरापल्ली के दो शोधकर्ताओं और शिक्षकों से – विमल कुमार और जुंग बहादुर सिंह से - जिन्होंने इस विभाजन को काफी करीब से जांचा परखा है।
नेचर इंडिया की 'मोबाइल की दुनिया' (Our mobile world) पॉडकास्ट श्रृंखला उन कई तरीकों पर नज़र डालती है जिनसे स्मार्टफोन ने भारत में विज्ञान और समाज के बीच की गतिशीलता और शोधकर्ताओं के काम करने के तरीके को बदल दिया है। हम भारत में विज्ञान और अनुसंधान के प्रवर्तक के रूप में स्मार्टफोन से लेकर डिजिटल स्वास्थ्य, डिजिटल निरक्षरता, मोबाइल ई-कचरे पर अनुसंधान, डिजिटल विभाजन और चिकित्सा, कृषि और शासन में नवाचार जैसे विषयों पर विचार कर रहे हैं। हमने मुख्य रूप से भारत से कहानियाँ चुनी हैं, लेकिन हमारे पास वैश्विक दक्षिण के अन्य देशों से भी उदाहरण हैं।
होस्ट: सुभ्रा प्रियदर्शिनी, प्रोडक्शन: अरोमा वारसी, साउंड एडिटिंग: प्रिंस जॉर्ज
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