Épisodes

  • काकोरी क्रांति
    Oct 14 2021
    चौरी-चौरा के घटना के बाद गाँधीजी के असहयोग आन्दोलन वापस ले लेने से कांग्रेस टूटकर स्वराज पार्टी बन जाती है. नयी पार्टी का मकसद आम चुनाव लड़ना और गुप्त रूप से क्रांतिकारियों कि भी मदद करना है जो गाँधी जी को मंजूर नहीं. टूटते कांग्रेस दल को गांधीजी तमाम प्रयाशों के बाद भी बचा नहीं पाते क्यूंकि उनके लिए आहिंसा परमोधर्म है. उसी वक़्त नाराज़ क्रांतिकारी दल से रामप्रसाद बिस्मिल "हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" का भी निर्माण कर डालते हैं. मकसद साफ़ था कि आज़ादी हथियारों के बल पे लेना.
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  • उलझन
    Oct 14 2021
    हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के बनने के बाद राम प्रसाद खुद को अकेला महशुश कर रहे है क्यूंकि कोई उनके पार्टी का अनुसरण नहीं कर रहा. कांग्रेस टूट तो रही है पर सब में स्वराज पार्टी में जाने की होड़ लगी है. इस त्रासदा से गाँधीजी भी मदन मोहन मालवीय के साथ परेशां हैं. बिस्मिल जो अकेले शेर है को दुसरे शेर चंद्रशेखर आज़ाद से भेट होती है. और सबसे बड़ी समस्या फण्ड की सामने निकल के आती है...
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  • कर्म और क्रांति
    Oct 14 2021
    रामप्रसाद बिस्मिल की बनाई हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का नया दल तब पूरा होता है जब उसमे असलम शामिल होते हैं . दुसरी तरफ़ लाला जी जवाहर लाल नेहरु को स्वराज पार्टी में शामिल नहीं होने के लिए डांटते हैं, लेकिन नेहरु उनकी सहनशीलता साध के उन्हें चुपचाप लेते हैं. बिस्मिल अपनी बने दल के साथ डाका डालते हैं और सफल होते हैं... पर असलम का काला सच सबको चौंका देता है...उसकी चलायी गोली से सब खतरे में पड़ जाते हैं.
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  • बीते हुए कल के कांटे
    Oct 14 2021
    असलम, बिस्मिल को गोली मारने के लिए बन्दूक तैयार कर खड़ा होता है. आज़ाद गेट से ही मौसर से असलम पर गोली चलाकर असलम को घायल कर देते हैं. घायल बिस्मिल को गोरखपुर के ठिकाने पे लाया जाता है. जहाँ लाला लाजपत राय भी मिलने आते हैं. अशफ़ाक दूसरी तरफ असलम जो रामप्रसाद बिस्मिल के क्रांतिकारी मित्र जावेद का बेटा है , उसका पत्ता लगा लेते हैं. आज़ाद, बिस्मिल और अशफ़ाक असलम का पीछा करते लखनऊ पहुचते हैं और वहां से भी असलम घिरने के बावजूद भागने में कामयाब रहता है.
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  • पुनःआरंभ एक नयी शुरुआत
    Oct 14 2021
    असलम मारा जाता है. पैसे भी बारामत हो जाते हैं. थोड़ी रहमत का वास्ता देकर बिस्मिल अशफ़ाक के हाथों कुछ पैसे असलम की अम्मी तक पहुचाते हैं. नयी दिशा निर्देश तय होता है की क्रांतिकारी बहाली में सख्ती होनी चाहिए. रामप्रसाद बिस्मिल गोरखपुर में तय करते हैं की बाकी क्रांतिकारियों को भी फंड्स और बंदूके HRA मुहैय्या कराएगा. दुसरी तरफ गाँधीजी असहयोग आन्दोलन के लिए गिरफ्तार कर लिए जाते हैं. इससे देश में नयी उर्जा का सनचार होता है. नरम दल और दल गरम एक साथ आते हैं.
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  • ठाकुर साब
    Oct 14 2021
    मदनमोहन मालवीय जी, जवाहरलाल नेहरु से मिलकर उनकी चलायी गयी स्वदेशी मुहीम की तारीफ़ करते हैं. लाला लाजपत राय को गिरफ्तार कर लिया जाता है. रौशन सिंह जो बरेली गोली कांड में गिरफ़तार हुए थे, जेल से छूटते ही रामप्रसाद बिस्मिल से मिलते हैं. खुद को साबित करने के बाद उनको गद्दार क्रांतिकारीयों को ढूंढने का काम दिया जाता है.
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  • ज़हर और ज़हरीले फ़ैसले
    Oct 14 2021
    अशफ़ाक को रौशन सिंह बचा लेते हैं. उन्हें क्रांतिकारी दल का शूटर चुना जाता है और वापस गोरखपुर में सब मिलते है. रौशन सिंह अपने एहसान तले सब को दबा देते हैं. आज़ाद भी रौशन से परेशां हो जाते हैं. दुसरे तरफ नेहरु जी मालवीय जी से मिलते हैं और आम चुनाव का ज़िक्र संक्षेप में होता है. वही क्रांतिकारी ख़ेमे में रौशन सिंह खुद को शूटर दल का नेता चुनते हैं.
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  • पुनरावृति
    Oct 14 2021
    गाँधी जी को आंतों का रोग हो गया है. उनकी जेल मैं ही अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया जाता है और बढते दबाव के कारण उन्हें रिहा करना पड़ता है. रौशन सिंह आज़ाद और बिस्मिल को मिलते हैं. उनका नया दुश्मन, नए दल के तीन इमानदार लड़कों का सफाया कर देता है. जीतनराम जो बीहड़ का डाकू है उसकी भिडंत आज़ाद और बिस्मिल से भी होती है. भागने से पहले वो रौशन सिंह के नाम से एक धमकी भरा पत्र छोड़ता है.
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