Épisodes

  • Balidaan ki amargatha
    Aug 11 2022

    अति का विश्वास भी मनुष्य को घोर संकट में डाल देता है इसलिए हमे हर समय चैतन्य रहना चाहिए और सूझ-बुझ के साथ काम लेना चाहिए। और बस यही संभाजी महाराज ने गलती कर दी उन्होंने अपने किसी मंत्री की बात मान कर अपनी विशाल सेना रायगढ़ भेज दी और स्वयं संगमेश्वर में क़िले में कुछ सैनिको के साथ रुक गए। एक विशाल सेना को राजधानी भेज कर अकेले वह रुकना क्या यह सही निर्णय था या गलत हम जानेगे हमारे इस एपिसोड में।e!

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    28 min
  • Shambhu Raje
    Aug 10 2022

    शिवाजी की मृत्यु के बाद औरंगज़ेब को दक्कन पर विजय प्राप्त करना आसान लग राग था लेकिन दक्कन पर विजय प्राप्त करने से पहले औरंगज़ेब को संभाजी से मुकाबला करना था। जो सदैव उसके रास्ते में आकर खड़े हो जाते थे। बार बार मुक़ाबला करने के बाद औरंगज़ेब थक चुके था। वह समझ चुका था कि वह अकेले संभाजी का मुकाबला नहीं कर सकता। तो फिर उसने क्या रणनीति बनाई वह हम जानेंगे इस एपिसोड में।


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    27 min
  • Shivaji ki mrityu
    Aug 9 2022

    बात है सन 1680 की, जब तेज़ ज्वर के कारण शिवाजी महाराज के शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी। वैद्यराज की औषधियां भी विफल होती साबित हो रही थी। वैद्यराज के द्वारा सभी तरीके अपना लिए गए, किन्तु कोई भी उपचार शिवाजी महाराज के अनुरूप नहीं था। एक तरफ शिवजी की बिगड़ती तबियत और दूसरी तरफ क़िले में बढ़ते षड़यंत्र आखिर क्या होने वाला था, जानते है इस एपिसोड

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  • Shivaji ki kootneeti
    Aug 9 2022

    स्वराज्य लाने के लिए शिवाजी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये। उन्ही महत्वपूर्ण कदमों में राज्याभिषेक भी एक अहम् कदम था। शिवाजी जानते है कि यदि किसी शत्रु पर विजय पानी है तो पहले उसके पद को या तो खुद के बराबर ले आओ या खुद से नीचे ले चले जाओ। तभी आप उस उसके मनोबल को तोड़ कर उस पर विजय पा सकते हो। राज्याभिषेक के बाद शिवाजी महाराज ने दक्षिण-पश्चिम से अपने साम्राज्य का विस्तार करना शुरू किया। लेकिन इस विस्तार में कौन कौन सी कूटनीतियों से शिवजी के द्वारा अपनायी गयी वह हम जानेगें इस एपिसोड में।

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    26 min