लॉकडाउन में पुलिस डीआई जी के एक दिन का हाल, अम्मा, मज़दूर, क़िस्सागो की आप बीती और फ़ैज़ की नज़्म मेरे क़ातिल मेरे दिलदार मेरे साथ रहो. कैसी गुज़र रही है लॉक डाउन में! सुनिए परवेज़ आलम द्वारा प्रस्तुत पॉडकास्ट सीरीज़ ‘ज़िंदगी लॉकडाउन’ का पांचवां अंक.