बजट में सरकारी विनिवेश को लेकर खूब बातें हो रही हैं. कई कंपनियों के विनिवेश की बात कही गयी है. तो क्या इसे सरकारी सेल कहना उचित है? क्या सरकार के पास अपनी संपत्ति बेचने के अलावा और कोई चारा ही नहीं था और सरकार की यह पॉलिसी भविष्य में किस ओर जाती दिख रही है, पॉडख़ास में इसी मसले पर सुनिए इंडिया टुडे हिंदी पत्रिका के एडिटर और आर्थिक मामलों के जानकार अंशुमान तिवारी के साथ रितु राज की बातचीत.