ज़िंदगी में लड़खड़ाते कदमों को सँभलने के लिए ज़रूरी है अपनी नादानियों से सीखना। सुनिए मेरी नयी ग़ज़ल "सीखना होगा" सुन कर हो सकें तो अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर दें🙏🏻🙏🏻
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