Épisodes

  • ध्यान योग - स्वयं से परिचय

    ध्यान योग - स्वयं से परिचय

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 1
    Jan 29 2021

    इस प्रकरण में आप ध्यान की पृष्ठभूमि के बारे में जानेंगे; कि यह एक ऐसा पथ है जहाँ आप स्वयं से परिचित होते हैं। ओम् स्वामी हमें बताते है कि ध्यान में होना, ध्यान करने से कैसे भिन्न है। इसको सुनने के बाद श्रोता को समझ आ जाता है की ध्यान की इस विशेष यात्रा का फल अत्यंत ही मीठा है।

    इस कड़ी में मुख्यतया, ध्यान के यथोचित आसान और मुद्रा के बारे में बताया गया है।

    Voir plus Voir moins
    31 min
  • ध्यान के दो प्रहरी और प्रकार

    ध्यान के दो प्रहरी और प्रकार

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 2
    Jan 29 2021
    यह प्रकरण में ओम् स्वामी हमसे ध्यान के कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण पहलुओं को साँझा कर रहे हैं; वे हमें बता रहे हैं की ध्यान करते समय मानसिक स्पष्टता होना कितना आवश्यक है। इसी के चलते ध्यान के कुछ प्रयोगों में भाग लेने का अवसर श्रोता को मिलता है, जो की उन्हें ध्यान को सही तरह से करने की महत्वता बताता है और इसके साथ ही ध्यान के दो प्रहरियों : सतर्कता और स्मृति की उत्तम ध्यान में भूमिका के बारे में भी ज्ञात होता है। इस कड़ी की विशेषता दो प्रयोगों में निहित है : i) छवि पर ध्यान और ii) मन का मौन
    Voir plus Voir moins
    25 min
  • स्वयं पर नियंत्रण - घट श्वास और एक अद्भुत अनुसंधान

    स्वयं पर नियंत्रण - घट श्वास और एक अद्भुत अनुसंधान

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 3
    Jan 29 2021

    इस प्रकरण में ओम् स्वामी अपने उत्कृष्ट ध्यान के अनुभव के आधार पर बताते हैं की कैसे स्वयं पर नियंत्रण प्राप्त करना ध्यान का मूल है और उस अवस्था तक पहुचने का ज़रिया क्या है और इसके साथ ही घट श्वास की विधि हमें इस कड़ी में सीखने को मिलती है, जो की ध्यान की प्रारंभिक तैयारी के लिए अत्यंत आवश्यक है।

    इस कड़ी में विशेष तौर पर ओम् स्वामी हमसे एक अद्भुत अनुसंधान साँझा करते हैं जिसमें समाधि की अवस्था को आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों पर सत्यापित किया जाता है।

    Voir plus Voir moins
    19 min
  • ध्यान योग की नीव - करुणा और वैराग्य

    ध्यान योग की नीव - करुणा और वैराग्य

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 4
    Jan 29 2021

    यह प्रकरण हमें ध्यान के विभिन्न प्रकार और विधियों से आगे, उसमें संलग्न प्रमुख सिद्धांतो के बारे में बताता है।

    ओम् स्वामी हमें यहाँ बताते है, की कैसे एक ध्यान का साधक, इन सिद्धांतो को अपने जीवन में अपनाकर, द्रुत गति से अपने आस्तित्व की पराकाष्ठा तक पहुँच सकता है।

    इस कड़ी में विशेषकर: करुणा, वैराग्य, उनकी महत्वता और संवर्धन के बारे में बताया गया है।

    Voir plus Voir moins
    37 min
  • आत्मनुशासन, कृतज्ञता और ध्यान की बाधाएँ

    आत्मनुशासन, कृतज्ञता और ध्यान की बाधाएँ

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 5
    Jan 29 2021

    यह प्रकरण में ओम् स्वामी आत्मनुशासन की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं, कि कैसे यह साधक की उन्नति में सहायक है।

    बड़े ही सुंदर तरीक़े से वे कहते हैं, की ध्यान करना पतंग उड़ाने जैसा है, एक साधक को पता होना चाहिए की कब डोर को कसना है और कब ढील छोड़ना है; इसके इतर, संक्षेप में, करुणा और आध्यात्मिक प्रगति के सम्बंध की ओर भी इंगित करते हैं।

    इस कड़ी में विशेषतया, आध्यात्मिक दैनंदिनी की महत्वता पर बल दिया गया है।

    Voir plus Voir moins
    38 min
  • कृतज्ञता के तीन सिद्धांत

    कृतज्ञता के तीन सिद्धांत

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 6
    Jan 29 2021

    इस प्रकरण में हमें कृतज्ञता के वास्तविक स्वरूप के विषय में पता चलता है, कि कैसे हम उसे अपने जीवन का अंग बनाए।

    ओम् स्वामी हमसे एक जैन संत, तानसेन, इत्यादि के रोचक क़िस्से साँझा करते हैं, जिनसे हमें ज्ञात होता है की कैसे कृतज्ञता ध्यान में प्रगति का एक प्रमुख स्तम्भ है।

    इस कड़ी में मुख्यतया कृतज्ञता के तीन सिद्धांतो का प्रतिपादन किया गया है।

    Voir plus Voir moins
    51 min
  • प्रश्नोत्तर सत्र-1

    प्रश्नोत्तर सत्र-1

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 7
    Jan 29 2021

    सन 2018 में ध्यान के शिविर में प्रतिभागियों ने बड़े ही रोचक प्रश्न पूछे और ओम् स्वामी ने अत्यंत ही दिलचस्प तरीक़े से उनके उत्तर दिए । शृंखला के इस भाग में आयिये इन प्रश्नोत्तर सत्रों का आनंद उठाते हैं.

    यह प्रकरण में कई प्रश्न रखे गए है जैसे, भय, एक से अधिक गुरु, आत्मविश्वास, आध्यात्मिक उन्नति, इत्यादि।

    इनमे से प्रमुख प्रश्न है : क्या मनुष्य अपने जीवन में एक से अधिक गुरु रख सकता है?

    Voir plus Voir moins
    31 min
  • प्रश्नोत्तर सत्र-2

    प्रश्नोत्तर सत्र-2

    ध्यान योग: अंतरात्मा से मिलन, प्रकरण 8
    Jan 29 2021

    सन 2018 में ध्यान के शिविर में प्रतिभागियों ने बड़े ही रोचक प्रश्न पूछे और ओम् स्वामी ने अत्यंत ही दिलचस्प तरीक़े से उनके उत्तर दिए । शृंखला के इस भाग में आयिये इन प्रश्नोत्तर सत्रों का आनंद उठाते हैं :

    यह प्रकरण में कई प्रश्न रखे गए है जैसे, ॐ का उच्चारण, बच्चों का कर्तव्य, गुरु की आवश्यकता, इत्यादि।

    इनमे से प्रमुख प्रश्न है : एक बच्चे का क्या कर्त्तव्य बनता है अपने माता-पिता के प्रति?

    Voir plus Voir moins
    30 min