• सौ साल पहले की महिला कलाकारों का संघर्ष हमसे बहुत बड़ा था : S9, Ep 7
    Mar 20 2022
    शुभा मुद्गल हिंदुस्तानी म्यूज़िक का एक अहम नाम हैं. उनकी ज़िंदगी के क़िस्सों और खूबसूरत गायकी को समेटा हमनें 'गज़लसाज़' के इस खास सीज़न में. सुनिए इस सीज़न का आख़िरी एपिसोड. इस एपिसोड में बात हुई हैं शुभा मुद्गल की ज़िंदगी के संघर्ष की, वो क्या मानती हैं पुराने दौर की महिलाओं के संघर्ष के बारे में... सुनिए गज़लसाज़ के इस ख़ास एपिसोड में, जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
    Show more Show less
    25 mins
  • जिस गीत को गाया उसे अपना बना लिया : ग़ज़लसाज़ S9 Ep 6
    Mar 6 2022
    शुभा मुद्गल की ख़ासियत यही है कि उन्होंने जिस गीत को अपनी आवाज़ से सजाया वो चाहे कितने भी सिंगर्स ने पहले गाया हो लेकिन फिर वो उन्हीं का होकर रह गया। आज भी उनके गाए हुए पुराने गीत जब गूंजते हैं तो गुज़रा हुआ दौर उनकी आवाज़ में लिपटकर आंखों के सामने आ जाता है। शुभा मुद्गल के कुछ ऐसे ही गीतों को सुनिए 'गज़लसाज़' में और उनके बारे में ज़िक्र कर रहे हैं जमशेद कमर सिद्दीक़ी.
    Show more Show less
    31 mins
  • हर बार अपनी गायकी से कैसे चौंका देती हैं शुभा मुद्गल? : ग़ज़लसाज़ S9E5
    Feb 20 2022
    एक कलाकार तबतक प्रासंगिक रहता है जब तक वो अपना सरप्राइज़ एलिमेंट नहीं खोता. प्रशंसक हर बार ये सोचते हैं कि इस बार क्या होगा? और ये कमाल तभी हो पाता है जब आर्टिस्ट के पास रेंज हो. शुभा मुद्गल के पास ज़बरदस्त रेंज है. वो पॉप भी गाती हैं, क्लासिकल भी. गज़लसाज़ के इस पॉडकास्ट में ज़िक्र शुभा जी की शानदार गायकी का. सुनिए जमशेद कमर सिद्दीक़ी से.
    Show more Show less
    27 mins
  • जब स्टेज पर गाते-गाते हंसी नहीं रोक पाईं शुभा मुद्गल : ग़ज़लसाज़, S9 E4
    Feb 6 2022
    एक स्टेज परफॉर्मेंस के दौरान गाने में एक ऐसा शब्द आया कि शुभा जी की नज़रें स्टेज पर ही बैठे तबला बजे रहे उनके पति अनीश प्रधान साहब से जा टकराईं और फिर दोनों अपनी हंसी नहीं रोक पाए। इस हंसी की वजह क्या थी? और शुभा जी की माँ अपनी बेटी में अपनी माँ यानि शुभा जी की नानी का कौन सा अक्स देखती थीं? बता रहे हैं जमशेद कमर सिद्दीक़ी 'गज़लसाज़' के इस बेहद ख़ास पॉडकास्ट में.
    Show more Show less
    37 mins
  • जब यूनिवर्सिटी में फैज़ के सामने शुभा मुद्गल ने पढ़ी उन्हीं की गज़ल : ग़ज़लसाज़, S9 E3
    Jan 23 2022
    इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में मशहूर 'शायर ए इंकलाब' फैज़ अहमद फैज़ आए हुए थे। 22 साल की शुभा मुद्गल को इस कार्यक्रम में गज़ल पढ़नी थी लेकिन जिस कागज़ पर उन्होंने गज़ल दर्ज की थी, उस पर फैज़ की नज़र पड़ गयी। पर्ची देखकर फैज़ साहब ने शुभा मुद्गल से क्या सवाल किया था? सुनिए 'गज़लसाज़' के इस एपिसोड में, जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
    Show more Show less
    39 mins
  • आवाज़ जिसने क्लासिकल म्यूज़िक को 'कूल' बना दिया : ग़ज़लसाज़, S9 E2
    Jan 9 2022
    शुभा मुद्गल वो आवाज़ है जिसने साल 1996 में 'अली मोरे अंगना' गाने के साथ नौजवानों के दिल में शास्त्रीय संगीत के लिए मुहब्बत पैदा की। अपनी आवाज़ और अंदाज़ से दशकों तक हिंदुस्तान की तहज़ीब की खुश्बू को दुनिया में बिखेरने वाली शुभा मुद्गल की ज़िंदगी के बारे में सुनिए कुछ ख़ास क़िस्से और कुछ खनकते हुए गीत उन्हीं की आवाज़ में, सिर्फ गज़लसाज़ में, जमशेद कमर सिद्दीक़ी के साथ.
    Show more Show less
    40 mins
  • कथक सीखने वाली शुभा मुद्गल के क्लासिकल सिंगर बनने की कहानी : ग़ज़लसाज़ Ep1
    Dec 26 2021
    हिंदुस्तान की वो क्लासिकल गायिका जिसकी आवाज़ दुनिया के तमाम देशों में गूंजती है। जिसने क्लासिकल गायन को पॉप के साथ मिलाकर नौजवान पीढ़ी को संगीत की जड़ों से जोड़ा - शुभा मुद्गल। गज़लसाज़ में सुनिए शुभा जी की ज़िंदगी की सुनी अनसुनी कहानियां और उनकी आवाज़ में कुछ शानदार गायिकी, गज़लसाज़ के इस एपिसोड में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.

    साउंड मिक्सिंग : अमृत रेगी
    Show more Show less
    30 mins
  • जब राशिद ख़ान साहब को मिली पहली स्कॉलरशिप : ग़ज़लसाज़ S8 E7
    Dec 12 2021
    हिंदुस्तान की वो आवाज़ जिसने सरहदों पार अपने होने की निशानी दी है। जिसने हिंदुस्तानी रवायती संगीत को उस ऊंचाई पर सजाया है कि जहां से उसकी खुश्बू पूरी दुनिया में फैलती है। राशिद ख़ान, क्लासिकल सिंगिंग का नायाब सितारा। और उसी सितारे के बारे में 'गज़लसाज़' के इस सीज़न में ये है सातवां एपिसोड। सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीकी से.
    Show more Show less
    28 mins